अब सब्सिडी का क्या होगा ?
मान्यवर :- एलपीजी सिलेंडर के दाम 15 दिनों में ही 100 रुपये के करीब बढ़ चुके हैं | सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनियों ने हाल ही में एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ाने का फैसला किया | नतीजतन ग्राहकों को अब कुकिंग गैस के लिए अधिक पैसे का भुगतान करना पड़ रहा है | 16 दिसंबर को तेल कंपनियों ने रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की, जो कि 15 दिनों के भीतर दूसरा इजाफा था |
दो सप्ताह के भीतर ही रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है | अब रसोई में खाना बनाना आम लोगों के लिए महंगा साबित हो रहा है | वहीं इससे लोगों का घरेलू बजट भी प्रभावित हो रहा है | बिना-सब्सिडी के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 16 दिसंबर को 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ा दी गई | अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने के बाद रसोई गैस सिलेंडर के दाम में इस महीने दूसरी बार बढ़ोतरी की गई |
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम उत्पाद विपणन कंपनियों के जरिए जारी अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 644 रुपये से बढ़कर 694 रुपये कर दी गई है | इस सिलेंडर की कीमतों में इस महीने यह दूसरी बढ़ोतरी है | इससे पहले एक दिसंबर को भी इसकी कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी | ऐसे में सिर्फ दिसंबर के महीने में ही एलपीजी सिलेंडर में 100 रुपये का इजाफा किया गया है |
पांच महीने तक नहीं बढ़े थे दाम
हालांकि इससे पहले करीब पांच महीने तक एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई इजाफा नहीं किया गया था | पहले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत जुलाई से 594 रुपये प्रति सिलेंडर पर बरकरार थी | यह दर सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के समान थी | पांच महीने तक 594 रुपये प्रति सिलेंडर की कीमत रहने के बाद महज 15 दिनों में ही इसकी कीमत 694 रुपये प्रति सिलेंडर पहुंच चुकी है | रसोई गैस की कीमत की समीक्षा हर 15 दिन में की जाती है |
महंगा हुआ सिलेंडर
बता दें कि देश में परिवारों को एक साल में 12 एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी के साथ मिलते हैं | उपभोक्ता को सिलेंडर लेते समय उसका पूरा मूल्य चुकाना होता है जबकि सब्सिडी की राशि उसके बैंक खाते में पहुंच जाती है | अगर किसी परिवार में एक साल की अवधि में 12 से अधिक सिलेंडर की खपत होती है तो उन्हें इसके बाद के सिलेंडर तय बाजार मूल्य पर लेना होता है |